'भारत माता की जय' पर देश भर में सहमति और असहमति का दौर चल रहा है... ऐसी स्थिति में हमें रूककर थोडा समझना होगा संभलना होगा... कहीं हम अपने आजादी के वीरों का भी कहीं असम्मान तो नहीं कर रहे।
पत्रकार, टिप्पणीकार और आलोचक वेदप्रताप वैदिक जी की कलम से यह लेख।
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